मेरे दिल में भी तू, मेरी धड़कन में तू,
मेरे सांशो में तू, मेरी यादो में तू,
मेरी नींदों में तू, मेरे सपनो में तू,
में कैसे जीयु, में कैसे जीयु, में कैसे जीयु,
अब तू ही बता, में कैसे कहू,
तुने मुजको भुलाया, क्यूँ मुजको बता,
तुने मुजको सताया, क्यूँ मुजको बता,
तू बन चुकी हे मेरी आरजू,
तू करके खफा मुझे क्यूँ चली,
अब कुछ तो बता, अब कुछ तो सुना,
मैंने ऐसा तो क्या गुनाह कर दिया,
तू क्यूँ चली ऐसे कुछ कहे बिना,
तुम कब संजोगी मेरे दिल की जुबा,
मेरी आंखे हर रोज क्यूँ ढूंढे तुम्हे,
मेरी दुनिया ही तुम, मेरी तक़दीर भी तुम,
में क्या करू , में अब जावू कान्हा,
मेरे दिल में भी तुम, मेरी धड़कन में तुम,,,
-विरल गज्जर.."राही"