મારા વિશે... મારી નજરે...

હું વિરલ, મહેસાણા જીલ્લાથી વીસેક કીલોમીટર દુર આવેલા એક નાનકડા ગામનો રહેવાશી. પહેલેથી જ નવું નવું લખવાનો શોખ અને કંઈક નવું કરવાનો શોખ . હું આપની સમક્ષ મારા વિચારો અને મારી રચનાઓ રજુ કરી શકું એ માટેના આ એક નાનકડા પ્રયાસ રૂપે આ બ્લોગ રજુ કરું છું.

આપના પ્રતિભાવો મને કોમેન્ટમાં લખી ને મોક્લાવશો. જેથી કરી હું કંઈક સારું અર્પણ કરું શકું.

બસ એ જ...

આપનો... વિરલ..."રાહી"

Feb 13, 2013

दिल की आवाज ...


न मैंने आपको खोया, न आपने मुजको खोया था,
फिर भी न जाने क्यूँ आज में इतना रोया था,
कुछ भी न होते हुवे भी, क्यूँ आप को में याद करता था,
याद करते करते फिर पूरी रात न में सोया था,
आप के खयालो में क्यूँ, में आज इतना क्यूँ खोया था,
आपके ही खयालो ने मुझे, आज इतना जो दबोया था,
दिल की घहेराइयो से में एक आवाज ही सुनता था,
कंही थम जा ओ "राही", ये सुनके फिर में रोया था,
गलतीयो में में अपनी अब, खुद को संवर के आया था,
कान्हा जेक आपने कुछ कहे बिना ही मुझे छोड़ा था,
फिर न जाने क्यूँ आज में इतना रोया था,
न मैंने आपको खोया, न आपने मुजको खोया था,

-विरल ... "राही"
13-02-2013

Feb 11, 2013

"स्मित" सी निगाहों से


इतना क्यूँ याद करता हु, किसको में ये फरियाद करता हु,
इतना क्यूँ खामोश रहता हु, में इतना क्यूँ आज डरता हु,
मुझे क्यूँ इतना सताता हे, कोई मुझे क्यूँ इतना डराता हे,
कोई नींदे मेरी चुराता हे, कोई सपनो में मेरे राज करता हे,
धड़कन में राज उसका चलता हे, सांसोमें राज उसका चलता हे,
कंही जाके खुद संभलता हु, कंही में ठोककर खाता हु,
फिर संभलता ... फिर संभलता ... फिर संभलता ... अकेला में,
क्यूँ में आप से बाया करता हु, क्यूँ में ये आज कहता हु,
कोई हे जो मुझे कहता हे, कोई हे जो मुझे सताता हे,
आज में सो न पता हु, न आज में कुछ बात कर पाता हु,
उसका ही इंतज़ारकरता हूं, उससे ही मुहाबत करता हू 
कब जाके वो आएगी, कब जाके वो मुजसे बया करेगी,
बस में न समज पाता हु, में ये किससे फरियाद करता हु,
कभी तो में अकेला था, कभी तो किसी ने मुझे छोड़ा था,
"स्मित" सी निगाहों से कभी, मैंने आप ही का इंतज़ार किया था,
अब कुछ न बाया करू, फिर भी आप का यंही पे इंतज़ार करू,
इतना क्यूँ याद करता हु, किसको में ये फरियाद करता हु,
आप क्यूँ सताते हो मुझे, आप मुझे क्यूँ सताते हो ...

-विरल गज्जर ... "राही"
11/02/2013