किसी की याद दिल में हे, कोई एहसास बाकी हे,
गुजरते वक़्त के दरमियाँ, कोई राज बाकि हे,
अभी तो सफर में हु, मिलेगी मंजिल मुझे एक दिन,
मगर इन राहो में, उसका सुहाना साथ बाकी हे,
कही शाम ढली, कही रात हिई,
अभी तो चाँद आया हे, चांदनी रात बाकि हे,
लोट आवो मेरे हमदम, तुम मेरा हाल तो देखो,
जिस्म मेरा तो मुर्दा हे, आखरी साँस बाकी हे,
उम्मीद हे हमें फिर मिलेंघे तुमसे, मेरे भगवान की कृपा बाकि हे,
प्यार की सौगात बाकि हे, दिल की दिवा भी बाकि हे,
किसी की याद दिल में हे, कोई एहसास बाकी हे,
-विरल गज्जर ... "राही"....
26/11/2012